Sanjeevanee
Rules & Regulations

-:बिजनेस असोसिएट के लिए रूल्स अॅन्ड रेग्युलेशन :-

१) बिजनेस असोसिएट जिस भी डीलर के पास कम करने के लिए आवेदन आर्ता है, अमानत रककम २५०/- रुपये के अलावा कोई रक्कम किसिको नही देना है|

२) आपने दिया हुआ २५०/- रुपये यदि आप काम  करना छोड़ना चाहते हो तो आपने लिया हुआ प्रोडक्ट  अपने डीलर के पास
वापस देकर उनसे अपने २५०/- रुपये वापस ले सकते है|

३) किसी भी बिजनेस असोसिएट को किसी भी डीलर से फिक्स पेमेंट नही मिलता है| आपने जितना बिजनेस करोगे उस हिसाब से आपके डीलर आपको प्रॉफिट देंगे |

४) यदि कोई बिजनेस असोसिएट ट्रेनिंग और टारगेट पूरा न करते हुए (डाइरेक्ट) डीलर बनना चाहता है, तो पच्चीस हज़ार २५०००/- रुपये के प्रोडक्ट  ख़रीदकर डीलर बन सकता है |

५) प्रोडक्ट  खरीदने के लिए लगने वाले पच्चीस हज़ार २५०००/- के अलावा किसिको कोई पैसा नही देना है|
६) डाइरेक्ट डीलर बनने के लिए दिए हुए पच्चीस हज़ार रुपये २५०००/- के प्रोडक्ट बिजनेस असोसिएट के रेट से मिलेगा
बाद मे लिए हुए प्रोडक्ट  डीलर रेट से मिलेगा|
७) बिजनेस असोसिएट ट्रेनिंग और टारगेट के बाद डीलर बनना चाहता है तो प्रोडक्ट  सेलिंग की क्वालिटी और ट्रेंनिग देने की कला, मोटिवेशन, स्टेज डेरिंग, ऑफिशियल कामकाज ये सब चीज़ आना ज़रूरी है|
८) हर बिजनेस असोसिएट अपने साथ काम करने वाले पुरुष या महिला बिजनेस असोसिएट के साथ भाई बहन के रिश्ते से रहेंगे ग़लत या अभद्र व्यवहार होने पर काम  से निकल दिया जाएगा|
९) हर पुरुष का बिजनेस असोसिएट का फॉर्मल पैंट शर्ट का पहनावा रहेगा| महिला बिजनेस असोसिएट का सूट या साड़ी का पहनावा रहेगा|

-:डीलर के लिए रूल्स अॅन्ड रेग्युलेशन :-


१) हर डीलर जहा भी काम करते है, वाहा का अपनी डीलरशिप के नाम से Shop-Act लाइसेंस निकलना ज़रूरी है|
२) नये बिजनेस असोसिएट जोड़ने के लिए पेपर add देंगे तो बिजनेस करने हेतु योग्यतानुसार कमाइए ऐसा लिखना ज़रूरी है| पेमेंट या किसी तरह की वेतन मिलेगी ऐसा झूठा वादा नही करना है|
३) किसी भी डीलर को कंपनी कोई फिक्स या अनफिक्स पेमेंट (वेतन) नही देती, अपने बिजनेस बढ़ाने से जो प्रॉफिट मिलता है,वह और अपने डाउनलाइन मे बढ़ने वाले बिजनेस से रायल्टी इनकम मिलता हैं,
४) कंपनी से लिए हुवे प्रोडक्ट  के टॅक्स इन्वाइस बिल या आपने बेचा हुवा माल का सेल बिल मेनटेन करे|
५) खुदका बिजनेस बढ़ने पर खुद की नाम से अलग से सेल-टॅक्स नंबर लेकर बिजनेस करना होगा|
६) हर डीलर अपने ऑफीस स्थान पर अपने डीलरशिप की नाम से बोर्ड लगाना ज़रूरी है|
७) अपने डीलरशिप मे सजीवनी शुअर-लाइफ मेडी असिस्ट प्रा.ली. कंपनी के अलावा कोई भी प्रॉडक्ट नही बिकेगा अन्यथा डीलरशिप रद्द किया जाएगा|
८) हर डीलर हर महीने कम से कम १००००/- रुपये का बिजनेस ना देने पर उस एरिया मे दूसरा डीलरशिप दिया जाएगा, लेकिन आपका डीलरशिप रद्द नही होगा|
९) यदि हर महीने डीलर से २००००/- रुपये का बिजनेस ना हो तो उस महीने की रायल्टी इनकम पेंडिंग रखा जाएगा वह उस महीने का बिजनेस टार्गेट पूरा करने के बाद रायल्टी दिया जाएगा तीन महीने तक टरगते पूरा ना करने पर आपका पुराना रायल्टी की पाने की समय सीमा समाप्त होगा, वह रायल्टी आपको नही मिलेगा|
१०) कंपनी के नियम के अनुसार चलनेवाले हर डीलर को कायामस्वरूपी (स्थाई) रूप से अपने डाउन-लाइन मे किया हुवा बिजनेस का रायल्टी देने को कंपनी बाध्य रहेगी| ११) हर डीलर अपने सीनियर डीलर या कंपनी के ओनर के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करेंगे, यदि आपका व्यवहार अपमान जनक हो तो कंपनी के ऑनर जो निर्णय लेंगे वह अंतिम निर्णय होगा|
१२) कोई भी डीलर प्रोडक्ट  लेने के लिए अड्वान्स पेमेंट लगाना ज़रूरी है, या s.m.s. करता है, और कंपनी मे पैसा नही आया तो उस डीलर को १०००/- रुपये का दंड होगा, एसा ३ बार होने पर डीलरशिप रद्द किया जाएगा|
१३) आपके डीलरशिप मे काम करनेवाले बिजनेस असोसिएट सहयोगी लड़के-लड़कियो से सही व्यवहार करेंगे, यदि किसी डीलर लड़का बिजनेस असोसिएट या डीलर लड़कियोसे ग़लत व्यवहार करने पर कंपनी डीलरशिप रद्द कर सकती है|
 
                                                                                       एट स्टेप्स (FOR SUCCESSFUL LIFE)


सफल और कामयाब जिंदगी जीने के लिए कुछ नियम सिस्टम होता है, वही सूत्र इस आठ सीडियों में दिया गया है , इसको पढ़कर यदि इसे फॉलो करते हैं, तो इंसान संजीवनी में ही नही दुनियाँ में कहीं भी सफल बन सकता है |


1. HAVE A GREAT WORK ATTITUDE - काम करते समय उँची सोच रखकर कम करना -

 

जीतने वाले लोग कोई अलग कम नही करते, वही काम अलग सोच के साथ करते हैं , बड़ा बनने के लिए बड़ा सोचना ज़रूरी है, दुनिया में ऐसे कई लोग हैं आपके नज़र में जो छोटा कम है वही करके दुनिया में सबसे महान बने उदाहरण :- जूता बनाना या बेचना यह काम आपकी नज़र में छोटा हैं यही काम करके बाटा कंपनी के मालिक आज सफ़ल और कामयाब हैं , सिर्फ़ उनकी बड़ी सोच की वजह सेम यदि लोहा गर्म करके उससे कुछ नयी चीज़ बनाना और बेचना आपकी नज़र में छोटा होगा यही काम किर्लोस्कर कंपनी के मालिक किर्लोस्करजई आज बड़े बिज़्नेसमॅन हैं | नमक और चाय बेचने वाला आपकी नज़र में छोटा होगा लेकिन सुनो वही दुनिया के बड़े बिज़्नेसमॅन टाटा हैं | सब्जी या फल बेचना छोटा काम हैं तो अंबानी भी वह काम करते हैं यह तो ना भूले | बड़ा बनने के लिए बड़े काम की ज़रूरत नही हैं , बड़े सोच के साथ उस काम को करने की ज़रूरत है | इसलिए अपनी सोच उँची रखो, बड़ी सोच का बड़ा जादू है | बड़ा सोच के तो देखो आपके जिंदगी में चमत्कार होगा |

 

२. BE ON TIME (समय पर काम करना)

 

आज का काम कल पर डालने वाला व्यक्ति कभी सफल नही बनेगा, सफल बनने के लिए कल का काम आज और आज का काम अभी करना चाहिए | सही वक्त पर सही काम करोगे तो ज़्यादा कामयाब बनेंगे| आपके हिसाब से ग़लत वक़्त चल रहा हैं तब भी वक़्त पर काम करोगे तो ज़रूरत से ज़्यादा ज़रूर कमाओगे | सही वक़्त या ग़लत वक़्त पर काम ही नही करोगे तो बर्बाद होना तय है , इसलिए सदा वक़्त के साथ काम करते रहो नही तो वक़्त आपको पीछे छोड़ देगी, क्योंकि वक़्त कभी किसी के लिए नही रुकती | TIME IS MONEY AND MONEY IS EVERYTHING.

 

3. BE PEPARED - तैयारी के साथ काम करना

 

कोई भी काम करने के पहले तैयारी करना ज़रूरी होता है, जैसे परीक्षा के पहले पढ़ाई करना ज़रूरी होता है, खेल का प्रदर्शन करने के पहले प्रॅक्टीस करने की ज़रूरत है| तैयारी के साथ किए गये काम में असफलता की गुंजाइश कम हो जाती है, इसलिए आपको सफल होने के लिए जिस फील्ड में काम करना चाहते हैं उस काम को कैसे किया जाना है इसका ट्रैनिंग लो और पूरी तैयारी के साथ करोगे तो ज़रूर सफल होगे |

 

 4. WORK FOR FULL EIGHT HOURS - आठ घंटे काम करना

 

भारत में गवर्नमेंट या प्राइवेट में हर जगह हर कर्मचारी आठ घंटे काम करते हैं | लेकिन आठ घंटे ऑफीस में रहकर दो घंटा काम करनेवाले को प्रमोशन नही मिलेगा | पूरे आठ घंटे ईमानदारी से काम करनेवाले को प्रमोशन से कोई रोक नही सकता | वैसे ही यदि आप संजीवनी में काम करते हो यहाँ तो टाइम का कोई बंधन नही है, लेकिन आप आठ घंटा काम करते हो तो कामयाब बनने में टाइम नहीं लगेगा इसकी १०० % गॅरेंटी है |

 

5. WORK YOUR TERRITORY AND CORRECTLY - क्रमबद्धता के साथ सही काम करना

 

कोई भी काम क्रमबद्धता से करते हैं तो आसानी से सफल बन सकते हैं , जैसे चार मंज़िल इमारत चढ़नी हो तो १-१ सीडी चढ़ते हो तो ५ - १० मिनिट में चढ़ पाओगे लेकिन १ - १ सीडी ना चढ़ते हुए डाइरेक्ट एक मंज़िला छलाँग मारने की कोशिश करोगे तो चौथे मंज़िल तक नहीं पहुँचोगे लेकिन हॉस्पिटल ज़रूर पहुँचोगे | इसलिए कंपनी में जो सिस्टम बनाया है इस सिस्टम से आगे बढ़ते हो तो आसानी से कामयाब बनॉगे |

 

6. PROTECT YOUR ATTITUDE - अपने उद्धेश को बनायें रखना

 

यदि हमें जीवन में कामयाब होना हैं तो अपने उद्धेश को कभी नही भूलना चाहिए निरंतर अपने उद्धेश को ध्यान में रखते हुए किया गया कोशिश कभी बेकार नही होती | उदाहरण - एक लड़का बचपन में डॉक्टर बनना चाहता है बाद में जब इंग्लीश सब्जेक्ट मुश्किल लगने लगता हैं तब डॉक्टर बनने का सपना छोड़कर इंजिनियर बनना चाहता है बाद में जब गणित मुश्किल लगता है तो इंजिनियर का सपना छोड़कर टीचर बनना चाहता है टीचर बनने के लिए कहीं संस्थाओं में लाखों रुपया भरना पड़ता है यह पता होने के बाद टीचर का सपना छोड़कर कोई छोटा मोटा काम करता है तो ऐसा ना करते हुए अपने उद्धेश की रक्षा करना चाहिए मन में एक बार ठान लिया तो कितना भी मुश्किल आए तो भी उस काम को पूरा करके ही छोड़ना चाहिए | जैसे थॉमस एडिसन को बहुत सारी मुसीबतें आई तो भी वो एक बड़े वैज्ञानिक बने |

 

7. KNOW WHY YOU ARE HERE AND WHAT ARE YOU DOING ? - आप यहाँ किसलिए आए हो और क्या कर रहे हो ?

 

आप कोई भी संस्था में या फील्ड में काम करते हो तो यदि आप कुछ ग़लत काम करते हो तो एक बात ज़रूर सोचना चाहिए, हम यहाँ किसलिए आएँ हैं , और क्या कर रहे हैं ये बात ज़रूर सोचना चाहिए काम करते समय हमारे मकसद के अलावा दूसरा कुछ करते हैं तो कामयाबी नही मिलेगी | उदाहरण - कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चे अपना क्लास अटेंड ना करते हुए फिल्म देखने जाते हैं तो सफल नही होंगे उस समय उनको ज़रूर सोचना चाहिए की हम यहाँ किसलिए आए हैं और क्या कर रहे हैं | आप संजीवनी में काम करते समय भी यही बात ध्यान में रखते हैं तो बहुँ जल्दी सफल होंगे |

 

8. TAKE CONTROL - काबू रखना

 

जैसे कोई भी गाड़ी को यदि ब्रेक नही है, तो (ACCIDENT) ज़रूर होगी जैसे गाड़ी में ब्रेक की ज़रूरत है वैसे ही इंसान को भी कुछ चीज़ों के लिए ब्रेक होना बहुत ज़रूरी है |

 

(A) MIND CONTROL - मन पर काबू रखना

 

हर इंसान को कामयाब बनने के लिए अपने मन को काबू में रखना बहुत ज़रूरी है , इंसान नाम की गाड़ी का ड्राइवर मन ही तो है यदि किसी ने कुछ अपमानजनक बातें कही तो मन पर काबू न रखते हुए झगड़ा करेंगे तो नुकसान अपना ही होगा तो उस जगह पर मन को (CONTROL) पर रखकर वहाँ से शांत होकर चले जाना चाहिए , झगड़ा होने से बच जाते हैं | और सामने वाले की ग़लती आज नही तो कल समझ में आता है | इसलिए सदा ही सर बरफ और मुँह में शक्कर होने जैसा बर्ताव करते हैं तो हम व्यवहार कुशल बनके कामयाबी हासिल करते हैं |

 

(B) MONEY CONTROL - पैसे खर्च करने पर काबू रखना

 

दुनिया में ऐसे कई किस्से सुनने को मिलते हैं , वह पहले बहुत अमीर थे आज उनके पास कुछ भी नही है | इसकी वजह सिर्फ़ और सिर्फ़ मनी कंट्रोल ना करने का नतीजा है | इसलिए हमें कमाया हुआ पैसों में से कम से कम (२० %) पैसा बचत के तौर पर रखना चाहिए तो कभी ग़रीबी आ ही नही सकती |

 

(C) MERCH CONTROL - चीज़ों को संभाल कर रखना

 

हमने कमाया हुआ धन से कुछ कीमती चीज़ें खरीदते हैं, यदि वह चीज़ खो जाए तो पैसों का बड़ा नुकसान होता है , मन दुखी होता है इसलिए जो हुआ वो नुकसान तो हुआ ही आज मूड खराब की वजह से आज का होनेवाला अच्छा काम भी नही होगा , यह भी एक नुकसान है | इसीलिए हमें हमारे पास होने वाली हर चीज़ का सुरक्षित तरीके से ध्यान रखना चाहिए |  

 


                                                                                                   फाइव स्टेप्स (सेल्फ़ कॉन्फिडेन्स)

 

घर या बिल्डिंग बनाते समय जैसा पय्या खोदना ज़रूरी होता है, और बच्चे को बेस शुरू स्कूल भेजने के बाद ABCD सीखना ज़रूरी होता है ऐसे ही बिज़नेस करने के लिए आत्मविश्वास ज़रूरी है और यह FIVE STEPS आत्मविश्वास बड़ाने के लिए ही बनाया गया है |

 

1) Introduction - परिचय देना किसी व्यक्ति से बात की शुरुआत करते समय अपना परिचय देना ज़रूरी होता है यदि आप अपना परिचय ना देते हुए किसी के घर मैं डाइरेक्ट घुस गये तो वो लोग आपको चोर समझेंगे या ग़लत व्यक्ति समजकर आपको भगा देंगे इसलिए हमारी प्रोडक्ट  की जानकारी देते समय शुरुआत परिचय देकर करना है और परिचय देते समय नीचे दिए गये तीन बातें ध्यान मैं रखना है |

 

(A) EYE TO EYE CONTACT आँखों से आँखें मिलाकर बात करना -

 

किसी भी व्यक्ति से बात की शुरुआत करने से लेकर आख़िरी तक आँखों से आँखें मिलाकर बात करना चाहिए यदि हम ऐसा नही करते हैं तो सामने वाले व्यक्ति को अपने उपर शक होगा हमारी ज़ुबान जितनी बोलती है उससे ज़्यादा हमाऱी आँखें बोलती हैं | इसलिए कस्टमर से बात करते समय आँखों से आँखें मिलाकर बात करना चाहिए |

 

(B) SMILING FACE - मुस्कुराता हुआ चेहरा

 

दुनिया मैं किसी को भी मुरझा हुआ या रोता हुआ चेहरा पसंद नही आता | मुस्कुराहट भगवान का दिया हुआ तोहफा है | जैसे मुरझा हुआ फूल किसी को पसंद नही आता है , खिला हुआ फूल सबको पसंद आता है | इसीलिए हम कस्टमर से बात करते समय हल्का मुस्कुराहट रख के बात करना चाहिए |

 

(C) EXCIETMENT - आंतरिक उत्साह / जोश

 

कोई भी काम मैं यदि जीत हासिल करना है तो उत्साह के साथ काम करना ज़रूरी है | यदि कोई युद्ध मैं बहुत सारे शस्त्रा और आस्त्रा के साथ और बहुत सारे सैनिक होने के बावजूद भी यदि उनके अंदर उत्साह ना हो तो हर पक्की है | उसी जगह कम सैनिक कम शस्त्र आस्त्रा के साथ भी यदि उत्साह के साथ युद्ध करे तो जीत पक्की है , इसलिए हमें सुबह से शाम तक अपने अंदर उत्साह जोश बरकरार रखना बहुत ज़रूरी है

 

२ SHORT STORY (Keep it short and simple) - कम समय में ज़्यादा जानकारी देना

 

किसी भी व्यक्ति को किसी चीज़ के बारे में जानकारी देनी हो तो छोटी सी बात बहुत लंबी चौड़ी और बहुत देर तक एक ही बात बताएँगे तो सामने वाले व्यक्ति की इच्छा शक्ति ख़तम हो जाती है , और वह व्यक्ति अपनी बात ना सुनते हुए ही हमें भगा देता है , इसलिए हमारी बात short and simple होनी चाहिए |

 

३. PRESENTATION - मालिकाना हक देना

 

कोई प्रोडक्ट  हम किसी के हाथ में दे रहें हैं तो सम्मान के साथ झुककर देना चाहिए | बिना सम्मान से दिया हुआ बड़े से बड़े तोहफे से भी संम्मान से दिया हुआ गुलाब का फूल अच्छा लगता है इसलिए कस्टमर प्रोडक्ट  दिखाते समय सम्मान देना चाहिए |

 

४. PRICE (कीमत, मूल्य , दाम )

 

FIRST TELL MARKET PRICE AND THAN OUR PRICE हर चीज़ का कुछ कीमत होता हैं हम हमारे प्रोडक्ट  का कीमत बताते समय ध्यान रखें पहले (MARKET PRICE) यही प्रोडक्ट मार्केट में किस ऱेट में मिलेगी और अभी हमारे पास किस रेट में मिल रही है यह बताना है |

 

५. CLOSE (संभाषण ख़तम करना)

 

(ALWAYS USE POSITIVE CLOSE) किसी व्यक्ति से संभाषण की शुरुआत करेंगे तो संभाषण पूर्ण बंद करना भी ज़रूरी है | संभाषण ख़तम करते समय नीचे दिए हुए तीन मुद्धे ध्यान में रखना ज़रूरी है |

 

(A) POSITIVE CLOSE - (ALWAYS USE POSITIVE CLOSE)

 

किसी व्यक्ति से बात को ख़तम करते समय सकारात्मक बातों से पूरा करना है, जैसे यह बेहतरीन प्रॉडक्ट आपको सिर्फ़ १००/- में दे रहा हूँ | आपके लिए यह प्रोडक्ट  बहुत बेहतरीन रहेगा | इस तरह क्लोज़ करना है

 

(B) EFFECTIVE CLOSE - प्रभाव के साथ क्लोज़

 

आप किसी और व्यक्ति का प्रभाव डालकर बात को ख़तम करो जैसे अभी आपकी बगल में रहने वाले शर्मा अंकल ने हमारा प्रोडक्ट  लिया और उनको बहुत अच्छा लगा , इसलिए आपको यह प्रोडक्ट  दे रहा हूँ , ऐसा प्रभाव डालने पर खरीदने वाले की POSITIVITY और बदती हैं |

 

(C) NEGATIVE CLOSE - नकारात्मक क्लोज़

 

हमें नकारात्मक ना ही कोई सवाल पूछना है ना ही नकारात्मक कोई बात करनी है, जैसे आपको प्रॉडक्ट चाईए क्या ? आप लेंगे क्या ? आप प्रोडक्ट लो ना ? ऐसी बातें नही करना है |

 

 सारांश

 

शुरू में हमें अपना परिचय देना है , परिचय देते समय आँखों में आँखें डालकर बात करना है | मुस्कुराता हुआ चेहरा रखना है | उत्साह के साथ बात करना है | अपनी बात कम समय में बताना है | सामने वाला व्यक्ति बोर ना हो , जैसा व्यक्ति देखकर एक प्रोडक्ट  चुन कर वो एक प्रॉडक्ट के बारे में जानकारी देकर और कई प्रोडक्ट  हैं आप देख सकते हैं बोलकर केटलॉग उनके हाथ में देना है | प्रोडक्ट  या कॅटलोग उनके हाथ में देते समय सम्मान के साथ झुककर देना है फिर प्रोडक्ट  की कीमत बतानी है | पहले M.R.P. बताकर फिर डिसकाउंट रेट बताना है और क्लोज़ पॉज़िटिव के साथ एफेक्ट देकर बात को क्लोज़ करना है |

 


                                                                                                                     फोर फॅक्टर

                                                                                       PERSONALITY DEVELOPMENT(व्यक्तित्व विकास)

 

फोर फॅक्टर अपना व्यक्तित्व विकास के लिए बनाया गया है | इसमे दो मुद्धे अपने उपर हैं और दो मुद्दे कस्टमर के उपर लागू होता हैं |

 

१. INDIFFERENT ATTITUDE - अलग सोच के साथ कम करना

 

हमें अपना व्यक्तित्व विकास करना हैं या अपना दूसरों के उपर एफेक्ट डालना हैं तो हमें आम लोगों से हटकर कम करना होगा | सब लोग जो काम करते हैं वही काम करेंगे वैसा ही सोचेंगे तो उनके जैसा आम व्यक्ति बन के रहोगे खास कभी नही बनॉगे | यदि खास बनना है तो दुनिया से हटकर सोचना होगा और करना होगा, जैसे आम लोग मार्केटिंग करना, लोगों को चीज़ें बेचना पसंद नही करते , वहीं धीरू भाई अंबानी आम लोगों की तरह नौकरी ना करते हुए लोगों को कपड़े, मोबाइल , पेट्रोल , रिलाइयन्स फ्रेश में सब्जी और कई चीज़ें बेचकर विश्व में अमीर लोगों में शामिल हुए जैसे टाटा ने ट्रक, मोटर गाड़ी, नमक, चाय और कई लोगों को ज़रूरत वाली कई चीज़ें बेचकर आज दुनिया के अमिर लोगों में शुमार हैं, यही दुनियादारी से अलग सोचना अलग करना ही आदमी को प्रभावशाली और सफल बनता है | इसलिए आप भी दुनिया जो काम करना नही चाहती , दुनिया के लिए जो काम मुश्किल है वही काम करके अपनी अलग पहचान बना सकते हैं |

 

२. SENCE OF URGENCY (दिमाग़ की जल्दबाज़ी)

 

जैसे एक ड्राइवर को हर पल हर सेकेंड अपना दिमाग़ चालू रख कर हर सेकेंड ब्रेक दबाना, गियर चेंज करना, सामने वाले को बचाना, अपनी गाड़ी सही चलाने के लिए अलर्ट रहना पड़ता है, वैसा ही आपको भी बिज़्नेस में सफल होने के लिए, अपना प्रभाव डालने के लिए , कस्टमर के हर पूछे हुए जवाब के लिए अलर्ट रहना ज़रूरी है |

 

३.GREED FACTOR (लालच)

 

हर इंसान के मन में लालच है, इसलिए इंसान कुछ पाने के लालच में जिंदगी भर मेहनत करता है , जैसा हमे कुछ काम करते समय कुछ चाहिए होता वैसा ही दूसरों को भी कुछ चाहिए होता है, हमारे साथ साथ दूसरों का लालच का भी विचार करना चाहिए | लोगों को पैसे के बदले में अच्छा प्रोडक्ट  और थोड़ा एक्सट्रा डिसकाउंट मिले तो खुश होता है, एक बिज़्नेस असोसीयेट मेहनत के बदले कुछ एक्सट्रा मिले तो ज़्यादा खुशी से कम करता है , हर इंसान को कुछ एक्सट्रा मिलने पर यदि ज़्यादा काम करके ज़्यादा तरक्की करता है तो हमें यह ग्रीड फॅक्टर का इस्तेमाल करना छाईए | यदि १०/- हैं चार लोग हैं दस व्यक्ति एक ही व्यक्ति ना लेते हुए मिल बाँट कर सबकी लालसा पूरी होती है तो यूनिटी बनेगी और आगे बढ़ेंगे |

 

४. FEAR OF LOSS (खो जाने का डर)

 

कोई भी इंसान के पास कोई चीज़, कुर्सी सम्मान , पैसा है तो यह ना खोए इसलिए कोशिश करता है, वैसे ही कस्टमर को प्रोडक्ट  देने के बाद इसका इतना महत्व बताएँगे की ना लेने पर उनको खो जाने का डर देना जरूरी है | हल्के से उनके हाथ से प्रोडक्ट लेकर बोलो कोई बात नही सर यह प्रोडक्ट  आप नही लेंगे तो कोई और लेगा , लेकिन आपको इसका लाभ नही मिल पाएगा, इस तरीके से खो जाने का डर ही आदमी को उस चीज़ की तरफ ज़्यादा खींचाव लाता है, काम करने वेल स्टाफ को भी यदि काम से निकलने का डर है तो अच्छा काम करेगा, यही फियर ऑफ लॉस हर इंसान की जिंदगी में आगे बादने के लिए मदद करेगा |

 


                                                                                                                    प्यूंक्चुवालिटी

                                                                                                                (FOR DISCIPLINE)

 

इंसान की जिंदगी में शिस्त नियम (डिसिप्लिन) होना बहुत ज़रूरी है | बिना अनुशासन से जिंदगी कटी पतंग की तरह है, कहीं भी उडेगी , कुछ ही पल में नीचे गिर जाएगी, इसलिए तरक्की करने के लिए अपने आप अनुशासित होना बहुत ज़रूरी है | उदाहरण - एक विद्यार्थी को पढ़ाई का अनुशासन नही है तो वह फेल होगा, एक व्यापारी को अपने काम का अनुशासन और लोगों से बात करने का अनुशासन नही है तो वो व्यापारी अपने व्यापार में कभी कामयाब नही हो सकता |

 

1. TIME - समय

 

हर इंसान को सुबह उठना , फ्रेश होना , काम करना , भोजन करना, सोना हर चीज़ का (TIME BOUNDATION) होना ज़रूरी है | जैसे एक विद्यार्थी का १० बजे Exam है तो उसे कम से कम १० मिनिट पहले EXAM हाल में पहुँचना ज़रूरी है | यदि वो १५ मिनिट देरी से पहुँचता है तो साल भर किया हुआ मेहनत बेकार जाता है | वैसे ही एक व्यापारी को , नौकरी करने वाले को , नेता, अभिनेता इन सब को (TIME PUNCTUAL) होना ज़रूरी होता है |

 

2. DRESSING SENCE - पहनावा

 

हर इंसान की जिंदगी में पहनावा बहुत महत्व रखता है , एक चोर भी एक पोलीस का पहनावा पहने तो लोग उसको पोलीस समझते हैं , एक अनपढ़ आदमी भी वकील का कोट पहनकर रास्ते से चले तो लोग उसे वकील समझते हैं , और एक (BUSINESS OWNER) यदि सही कपड़े नही पहनता तो उसका ग़लत असर उसके व्यापार पर पड़ता है, इसीलिए हमारे कंपनी में काम करनेवाले युवक को फॉर्मल पेंट शर्ट पहनना ज़रूरी है और युवती को सलवार सूट या साड़ी पहनना ज़रूरी है |

 

3. INVOLVEMENT - मिलजुल्कर रहना

 

एक घर में, समाज में, रिश्ते दारी में , ऑफीस में मिलजुलकर रहने से मन प्रसन्न रहता है | अकेला व्यक्ति समाज, घर परिवार, रिश्तेदारों से हटकर कभी खुश नही रह सकता इसीलिए हमें समाज के साथ , घरवालों के साथ , ऑफीस में काम करने वालों , सभी (STAFF) के साथ मिलजुलकर रहना चाहिए , सबके साथ चलेंगे तो सबका विकास होगा | यह गुण यदि आपके अंदर है तो आप एक (SUCCESSFUL BUSINESS MAN) बन सकते हैं |

 

4. SCORE PART - RESULT

 

हर काम में काम पूरा होते ही (RESULT) को देखना ज़रूरी होता है , किसान खेती में साल भर मेहनत करके फसल निकालता है तो फसल कितना टन निकला इसके उपर उसकी सफलता निर्भर करती है , जैसे एक क्रिकेटर दिन भर खेला तो उसकी सफलता उसने कितना रन बनाया, कितना विकेट लिया उस पर निर्भर करता है , वैसे ही हमारे कंपनी में आपकी सफलता आपने कितना पॉइंट किया (कितने प्रोडक्ट बेचे) उसके उपर आँकी जाती है, इसलिए ज़्यादा से ज़्यादा पॉइंट करना ज़रूरी है |

 


                                                                                          SIX TYPE CUSTOMER

 

(PLAYING CARD) ताश के पत्ते जैसे जब तक पलटकर ना देखा जाए तब तक कौन सा पत्ता है ये पता नहीं चलता वैसे ही इस दुनिया में अलग अलग तरहके लोग रहते हैं उनसे बात किए बिना पता नही चलता, वह कौन से टाइप का कस्टमर है| हमारे बिज़्नेस में कुल ६ टाइप के कस्टमर होते हैं, इसमे निम्नलिखित टाइप के कस्टमर होते हैं :-

 

१. TWO TO TEN TYPE CUSTOMER (शुरू से लेकर अंत तक ना बोलने वाला कस्टमर)

 

इस टाइप का कस्टमर इसके पहले किसी ग़लत सेल्समेन / सेल्स गर्ल के वजह से घर पर बिक्री करने आए सेल्समेन / सेल्स गर्ल को देखने का नज़रिया बदल जाने के कारण वह कस्टमर किसी विक्रेता के साथ बात करना ही पसंद नही करता, इसलिए हमें उनको विश्वास में लेना होगा अपनी कंपनी के प्रोडक्ट, आई कार्ड, कस्टमर केयर नंबर, रेजिस्ट्रेशन नंबर ऐसे कई चीज़ों के बारे में बताकर उनको विश्वास में लेना है, यदि फिर भी नही मानते हैं तो ऐसा प्रोडक्ट उनको फिर नहीं मिलेगा इस बात का एहसास कराके क्लोज़ करना है |

 

२. QUEEN TYPE CUSTOMER (मोल भाव करने वाला कस्टमर)

 

ऐसे कई कस्टमर मार्केट में मिलते हैं, की अपने प्रोडक्ट का रेट कम करके माँगते हैं, ऐसे कस्टमर को दूसरे प्रोडक्ट और हमारे प्रोडक्ट में फ़र्क बताकर हमारा प्रोडक्ट क्यों महँगा है यह बात समझाना है, फिर भी नही मानते हैं तो पॉज़िटिव क्लोज़ करके वहाँ से निकलना है |

 

3. JACK TYPE CUSTOMER (टाइम पास वाला ग्राहक)

 

ऐसे कस्टमर को आप प्रोडक्ट के बारे में समझाने की कोशिश करते हैं लेकिन कस्टमर इधर उधर की बातों में आपको उलझाना चाहता है आपका टाइम बर्बाद करता है, इसलिए उनको मुद्धे पर लाकर फिर से प्रोडक्ट की जानकारी देने की कोशिश करो और आप उनको बोलो आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा आज मुझे ऑफीस जल्दी जाना है, मेरा प्रमोशन है, रविवार के दिन आपसे बात करने ज़रूर आऊंगा बोलकर जल्दी क्लोज़ करके वहाँ से निकलना है |

 

4. EKKA CUSTOMER (भगवान की तरह ग्राहक)

 

यह कस्टमर हमारे प्रोडक्ट इसके पहले खरीदा है और उनको अच्छे लगे और प्रॉडक्ट खरीदना चाहते हैं इनको हमारे बहुत सारे प्रोडक्ट रेंज हैं और नये दो तीन प्रोडक्ट देने की कोशिश करना है | और इनका एफेक्ट और कई कस्टमर को देकर आप ज़्यादा प्रोडक्ट बेच सकते हैं |

 

5. KING CUSTOMER (गुस्सा करने वाला ग्राहक)

 

यह कस्टमर अपने आप को हिट्लर समझते हैं , और आपको अपमानजनक बातें बोलकर गुस्सा करते हैं | और वहाँ से आपको भगाते हैं फिर भी आप उनके साथ शांति से प्यार भरा वाणी से बात करना है , उनको समझ में आया तो ठीक नही तो सॉरी, धन्यवाद बोलकर वहाँ से निकलना है |

 

6. SIXTH TYPE CUSTOMER (मन को बहकाने वाला ग्राहक)

 

ये कस्टमर इस बिज़्नेस के लिए ही नहीं आपके करियर में भी ज़हरीले साबित होते हैं | आपके मन को बहकाने को कोशिश करते हैं , उदाहरण : आप ये घूमने का काम क्यों कर रहे हो ? ऐसे कंपनी अच्छी नहीं होती हैं , आपको यह कंपनी फसाएगी , कंपनी आपको मॅनेजर नही बनाएगी , आप इतने अच्छे और सुंदर हों इतने पढ़े लिखे हो तब भी यह काम क्यों कर रहे हो ? आप यह काम छोड़कर हमारे पास आ जाओ इससे अच्छा काम देंगे इससे अच्छा पैसा देंगे | तब आप उनको यह बताओ की मैं आपकी बातों से सहमत हूँ लेकिन एक प्राब्लम है , में जिस कंपनी में काम कर रहा हूँ वहाँ से ५०००/- उधार लिया है , यदि आप अभी मुझे पैसा देंगे तो मैं वो कंपनी छोड़कर आप के पास आता हूँ | तब वो अपने औकात पर आएँगे और बोलेंगे हम आपके पास कैसे विश्वास करेंगे की आप हमारे पास आएँगे , तब आप बोलो मैं आपके उपर कैसे विश्वास करूँ की आप मेरा करियर बनाएँगे ? सर में जहाँ हूँ वहीं ठीक हूँ बोलकर निकलना है | उनके पास समय बर्बाद नही करना है | उनके पास क्या काम है यह जानने की उत्सुकता नही जताना है , यह बात निश्चित ध्यान में रखो | दुनिया में कोई किसी को कोई भी चीज़ मुफ़्त में नहीं देता , आपसे काम करवाएँगे और फ़ायदा कमा कर ही आपको पैसा देंगे , क्यों ना संजीवनी से एक निष्ट रहकर आगे बढ़ना चाहिए, यह सोचकर एक ही जगह अच्छे काम करके आगे बढ़ना चाहिए |

 
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